Hindenburg Research in hindi : Hindenburg Research जो की एक अमेरिकी रिसर्च फर्म है इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई है। सबके दिमाग में एक ही बात सामने आ रही है की आखिर ये हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है ? जिसके रिसर्च रिपोर्ट सामने आते ही सबसे ज्यादा नुकसान अभी अडानी ग्रुप को उठाना पड़ रहा है। और अडानी ग्रुप (Gautam Adani) के शेयरों में 70 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है और उसका मार्केट कैप करीब करीब 100 अरब डॉलर से ज्यादा घट गया है।
Hindenburg Research का एक अन्य विशेषता है कि यह विभिन्न भाषाओं में अपनी रिपोर्टों को प्रकाशित करता है, जिसमें हिंदी भी शामिल है।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है ?
Hindenburg Research एक financial research firm है जो सार्वजनिक रूप से इक्विटी, क्रेडिट, डेरिवेटिव मार्केट और ट्रेड होने वाली कंपनियों पर अपनी जांच रिपोर्टों के सौपती है। इस फर्म का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। इस फर्म की स्थापना 2017 में नेथन एंडरसन ने की थी, जो पहले हैज फंड में analyst के रूप में काम करते थे। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। फर्म का नाम हिंडेनबर्ग Disaster के नाम पर रखा गया है, जो 1937 में हुई थी जिसमें 35 लोग मारे गए थे। और इतिहास के सबसे प्रसिद्ध एयरशिप दुर्घटनाओं में से एक थी।
हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। वो एक इंवेस्टमेंट कंपनी भी है। हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं चल रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा दिखने के लिए तो नहीं कर रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरीके से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही? ये सभी चीजे हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी secretly पता लगती है। और फिर उसे दुनिया को दिखाती है की ये कंपनी क्या कर रही है।
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क्यों रखा गया हिंडनबर्ग नाम?
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है जानने के बाद अब जानते है की क्यों रखा गया हिंडनबर्ग नाम मतलब हिंडनबर्ग के नाम के पीछे भी एक कहानी है। बात साल 1937 की है। इस दौरान जर्मनी में हिटलर का राज था। इस दौर में एक स्पेसशिप था, जिसका नाम हिंडनबर्ग स्पेसशिप था। अमेरिका के न्यूजर्सी में इस स्पेसशिप को ज़मीन से जो लोग देख रहे थे, उन्हें तभी कुछ असामान्य दिखा। एक धमाके के साथ आसमान में दिख रहे हिंडनबर्ग स्पेसशिप में आग लग गई। लोगों के चीखने की आवाजें सुनाई देने लगीं। इसके बाद यह स्पेसशिप जमीन पर गिर गया।
कुछ लोगों को बचाया जा सका और कुछ को नहीं। इस स्पेसशिप में 16 हाइड्रोजन गैस के गुब्बारे थे। ऐसा बताया जाता है कि स्पेसशिप में क़रीब 100 लोगों को जबरन बैठा दिया गया था। गौतम अडानी के खिलाफ रिपोर्ट लाने वाली रिसर्च कंपनी का नाम हिंडनबर्ग भी इसी हादसे से जोड़कर रखा गया है। कंपनी के मुताबिक, वह हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज पर शेयर बाजार में हो रही गड़बड़ियों पर निगरानी रखती है। कंपनी का कहना है कि वह लोगों को शेयर बाजार में ऐसे वित्तीय हादसों से बचाने का काम करती है।
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हिंडेनबर्ग रिसर्च कैसे पैसा कमाती है?
Hindenburg Research फर्म की कमाई इन रिपोर्टों से होती है जिनमें यह कंपनियों की जांच बहुत गहराई से करती है और उनके various controversial activities का पता लगाती है। इन रिपोर्टों के माध्यम से, यह फर्म अपने कस्टमर को इन कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी देती है और उनके संभावित रिस्क के बारे में भी बता देती है जिससे उसके कस्टमर शॉर्ट सेलिंग करते है और कमिसन के तौर पर इस कंपनी को पैसा देते है।
जैसा कि आपने अभी देखा होगा, Hindenburg Research की रिपोर्टों के माध्यम से उन्होंने कुछ कंपनियों के स्टॉक मूल्यों में गिरावट का पूर्वानुमान लगाया था। इस गिरावट से, यह फर्म अपने शॉर्ट सेलिंग से पैसे कमाती है, जो उन्हें उन कंपनियों के स्टॉक के बेचने के लिए प्राप्त हुए होते हैं जिन्हें वह गिरावट की उम्मीद से खरीदती है। हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है
शॉर्ट सेलिंग क्या है ? what is Short Selling?
शॉर्ट सेलिंग ‘Short Selling’ शब्द सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ है. बता दें कि शेयर मार्केट में शॉर्ट सेलिंग कारोबार करने का एक तरीका है. इस दौरान इन्वेस्टर शेयर मार्केट में गिरावट आने पर दांव लगाता है. हिंडनबर्ग की कमाई मुख्य जरिया शॉर्ट सेलिंग का ही है। हिंडनबर्ग शेयरों की शॉर्ट सेलिंग करके अरबों की कमाई कर लेती है।
‘Short Selling’ कैसे करते हैं?
शॉर्ट सेलिंग एक वित्तीय ट्रेडिंग करने का एक तकनीक है जिसमें ट्रेडर एक स्टॉक, कमोडिटी, या अन्य Financial Instruments को बेचते हुए उसकी price drop से पैसे कमाते हैं। इस तकनीक में, ट्रेडर उस Instruments को बेचते हैं जो उन्हें नीचे गिरने की उम्मीद होती है और फिर उसे उसकी नई निम्नतम मूल्य पर खरीदते हैं। यदि मूल्य नीचे गिरता है, तो ट्रेडर उसकी मूल्यगिरावट से अंतिम बिक्री की कीमत से कमाई करते हैं।
शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं इसको उदाहरण से समझते है कोई भी शॉर्ट सेलर किसी कंपनी के शेयर को इस उम्मीद से खरीदता है कि ख़रीदे गए स्टॉक का दाम 300 रुपये से गिरकर 150 रुपये हो जाएगा. इसी उम्मीद में शॉर्ट सेलर दूसरे ब्रोकर से कंपनी के शेयर उधार ले लेता है. अब इसके बाद बाद शॉर्ट सेलर उधार लिए गए शेयरों को दूसरे निवेशक के पास बेच देता है जो इसे 300 रुपये के भाव पर खरीदने के लिए बैठे रहते हैं.
यदि स्टॉक मूल्य नीचे गिरता है, तो ट्रेडर कमाई करता है। इस तरह से, शॉर्ट सेलिंग करने वाले ट्रेडर स्टॉक के गिरावट से पैसे कमाते हैं।
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इन कंपनियों का अभी तक हो चुके है खुलासे:
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप से पहले कई कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट निकाली है। ये कंपनी किसी भी कंपनी को टारगेट करके उसमें गड़बड़ियां निकालती है। इस रिपोर्ट के कारण जब कंपनी के शेयर गिर जाते हैं तो वो उसे खरीदकर ये प्रॉफिट कमाती है।
वर्ष | कंपनी | देश |
2020 | Nikola | अमेरिका |
2020 | WINS Finance | चीन |
2020 | Genius Brands | अमेरिका |
2020 | China Metal Resources Utilization | चीन |
2020 | SC Worx | अमेरिका |
2020 | Predictive Technology Group | अमेरिका |
2020 | HF Foods | अमेरिका |
2019 | SmileDirectClub | अमेरिका |
2019 | Bloom Energy | अमेरिका |
2018 | Yangtze River Port & Logistics | अमेरिका |
2018 | Liberty Health Sciences | अमेरिका |
2018 | Aphria | कनाडा |
2018 | Riot Blockchain | अमेरिका |
2017 | PolarityTE | अमेरिका |
2017 | Opko Health | अमेरिका |
2017 | Pershing Gold | अमेरिका |
2017 | RD Legal | अमेरिका |
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जिन हाई-प्रोफाइल कंपनियों को लक्षित किया है उनमें इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता निकोला, बीमा प्रदाता क्लोवर हेल्थ और चीनी कॉफी कंपनी लकिन कॉफी शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक मामले में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने ऐसी रिपोर्टें प्रकाशित कीं जिन्होंने कंपनियों की व्यावसायिक प्रथाओं और वित्तीय विवरणों के बारे में गंभीर चिंताएँ उठाईं।
हिंडनबर्ग रिसर्च को कुछ तिमाहियों से आलोचना का सामना करना पड़ा है, खासकर उन कंपनियों से जिन्हें इसने लक्षित किया है। कुछ ने फर्म पर बाजार में हेरफेर करने और झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाया है। हालांकि, फर्म का कहना है कि उसका शोध पूरी तरह से और सटीक है, और वह उन कंपनियों के बारे में सच्चाई उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनकी वह जांच करती है।
हिंडेनबर्ग रिसर्च को लेकर लोगो की राय –
हिंडेनबर्ग रिसर्च को कुछ तरफ से आलोचना भी मिली है, विशेष रूप से उन कंपनियों से जो इसने लक्ष्य बनाये हैं। कुछ ने इस फर्म को बाजार के मैनिपुलेशन में शामिल होने और झूठी जानकारी फैलाने के आरोप लगाए हैं। हालांकि, फर्म कहती है कि उसका अनुसंधान पूर्णतः सत्यापित और सटीक होता है और वह अपनी जांच रिपोर्टों में सत्य का पालन करने के लिए पूरी तरह समर्पित है।
FAQ – Hindenburg Research in Hindi
प्रश्न : हिंडनबर्ग का निर्माण कहां हुआ था?
उतर – हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। इस फर्म की स्थापना 2017 में नेथन एंडरसन ने की थी, जो पहले हैज फंड में analyst के रूप में काम करते थे।
प्रश्न : हिंडनबर्ग कैसे काम करता है?
उतर – हिंडनबर्ग की कमाई मुख्य जरिया शॉर्ट सेलिंग का ही है। हिंडनबर्ग शेयरों की शॉर्ट सेलिंग करके अरबों की कमाई कर लेती है।
प्रश्न : हिंडनबर्ग पर कितने यात्री थे?
उतर – 1937 में हुई थी जिसमें 100 यात्री थे और 35 लोग मारे गए थे। और इतिहास के सबसे प्रसिद्ध एयरशिप दुर्घटनाओं में से एक थी।
प्रश्न : क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
उतर – हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं चल रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा दिखने के लिए तो नहीं कर रही है?
प्रश्न : हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी पर क्या आरोप लगाया?
उतर – हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के शेयर ओवरप्राइसड है। अडानी समूह के खातों में गड़बड़ी को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए।
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