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What is Cryptocurrency Mining

What is Cryptocurrency Mining? क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या होती है? – 2023

Cryptocurrency Mining – माइनिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में सोने, हीरे या कोयले की Mining का ख्याल आता है। Cryptocurrency में सोने, हीरे या कोयले जैसा Mining नही होती तों फिर, क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है की आखिर ये Ethereum, Bitcoin और इसके जैसे और Cryptocurrency Coin कहाँ से आते है और इसे कैसे माइनिंग या बनाया जाता है? या इसे कैसे Circulate किये जाता है?

यदि आप को इसके बारे में नही पता है तों कोई बात नही आज के इस आर्टिकल में आपको यही बताने जा रहे है की ये क्रिप्टोकरेंसी कैसे बनता है? या इसकी माइनिंग कैसे किया जाता है? या यु बोले की What is Cryptocurrency Mining in Hindi (Cryptocurrency Mining क्या है?) और Cryptocurrency कैसे काम करती है?

What is Cryptocurrency ? – (क्रिप्टोकरंसी क्या है?)

सबसे पहले शुरू करते हैं, कि क्रिप्टोकरंसी का मतलब क्या होता है ? (What is Cryptocurrency?) तो Crypto + Currency = Crypto (क्रिप्टो) का मतलब होता है- Anonymous  या छिपा या जो अपनी पूरी identity को छिपा कर रखे और Currency (करेंसी) का मतलब होता है पैसा

आमतौर पर Cryptocurrency एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन अपने पास रख सकते हैं. मतलब यह Money का एक Digital रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह Solid रूप में आपकी जेब में नहीं होता जैसे की डॉलर या रूपये होता है। यह पूरी तरह से Online होता है।

Cryptocurrency कैसे काम करती है ?

इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को Digital बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। ये Digital Currency encrypted यानी Coded होती हैं। इसे एक decentralized system के जरिए manage किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का digital signature द्वारा वेरिफिकेशन होता है और cryptography की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है।

What is Cryptocurrency Mining?

What is Cryptocurrency Mining in Hindi (Cryptocurrency Mining क्या है) माइनर्स क्रिप्टोकरेंसी eco-system का एक important हिस्सा हैं। ये माइनर्स ही Cryptocurrency की Mining करते है 

Cryptocurrency Mining को थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए, कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो उस ट्रांजेक्शन को सबसे पहले बैंक वैलिडेट करता है और फिर उसे वैलिडेट करके आगे sender के पास भेज देता है।

लेकिन क्रिप्टोकरंसी के मामले में कॉइन भेजने वाले और उसे रिसीव करने वाले के बीच में बैंक जैसा कुछ भी नहीं होता है, तो यहाँ आपके मन में question उठता है की फिर ये ट्रांजेक्शन होता कैसे है? 

तो देखिये, क्रिप्टोकरंसी के ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने के लिए, दुनिया में बहुत सारे कंप्यूटर्स लगाये गये हैं। इन कंप्यूटर्स को कुछ लोग चलाते हैं। जिन्हें माइनर्स कहते है। उनकी इस मेहनत के बदले उन्हें Cryptocurrency या यु बोले की बिटकॉइन मिलता  हैं। इसे ही Cryptocurrency Mining या बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। अन्य क्रिप्टोकरंसी में भी इसी तरह माइनिंग होती है। 

माइनिंग के दौरान, कंप्यूटर Complex Mathematical Equations को Solve करते हैं। हर कोड को crack करने वाला पहला coder transaction को authorize करने में सक्षम होता है और इसी काम के बदले में, माइनर्स को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में Reward दिया जाता है और इसे क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mining) कहा जाता है। जब Crypto की Mining होती है तो कंप्यूटर द्वारा बहुत एनर्जी Consume होती है।

जैसे की हमने बताया Centralized Ledger में  Central Authority की जरुरत पड़ती है जैसे की बैंक लेकिन Distributed Ledger में कोई Central Authority नहीं होती है, इसलिए ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए mining process बहुत ही important हो जाता है।

केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही digital laser में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की इजाजत है। इसके लिए proof-of-work (PoW) consensus protocol बनाया गया है। PoW नेटवर्क को बाहरी हमलों से भी बचाता है।

अब ये proof-of-work (PoW) क्या है?

यह क्रिप्टोकरेंसी को सिक्योर करने का एल्गोरिदम है. माइनर्स की एक्जीक्यूट की गई यह प्रोसेस ब्लॉकचेन में ट्रांजैक्शन डेटा के नए ब्लॉक जोड़ने का एक जरूरी हिस्सा है. एक नया ब्लॉक केवल ब्लॉकचैन सिस्टम में जोड़ा जाता है यदि कोई माइनर एक नया विनिंग प्रूफ-ऑफ-वर्क लेकर आता है।

प्रूफ-ऑफ-वर्क का लक्ष्य यूजर्स को उन एक्स्ट्रा कॉइन को प्रिंट करने से रोकना है जो उन्होंने खुद हासिल नहीं किए हैं।



क्या क्रिप्टो माइनिंग कोई भी कर सकता है ?

हाँ, क्रिप्टो माइनिंग कोई भी कर सकता है बशार्ते की उसके पास कंप्यूटर, ग्राफ़िक्स कार्ड तथा 24 घंटे बिजली की सुविधा हो जब कोई क्रिप्टो की माइनिंग करता है तो वहां बहुत HEAT हो जाता है इसके लिए उसे AC लगवाना पड़ता है।

 क्या Cryptocurrency Mining के घर पर कर सकते है ?

हाँ, क्रिप्टोकरंसी को घर पर भी माइनिंग कर सकते है ? अगर आपके पास Budget नही है तों आप पार्टनरशिप में भी मीनिंग कर सकते है।

Cryptocurrency Mining करने के लिए किन किन चीजों की जरुरत पड़ती है ?

आज के इस दौर में, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए एक विशेष GPU या एक Application-Specific Integrated Circuit (ASIC) माइनर की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, माइनिंग रिग में GPU को हर समय एक विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाना चाहिए.

आप माइनिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?

Step 1 :- सबसे पहले, आपको एक High performance वाले कंप्यूटर की व्यवस्था करनी होगी. जिसमे बहुत ही पॉवर फुल Graphic Card लगे हो| आप अधिकतर हार्डवेयर Amazon पर खरीद सकते हैं।

Step 2 :- निःशुल्क बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें फिर बिटकॉइन और अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक वॉलेट बनाएं. 

Step 3 :- एक बार ऐसा करने के बाद, ज्यादा लाभ के लिए Mining Pool में शामिल होंना पड़ेगा. ये Pool, माइनर्स का एक ग्रुप हैं जो अपनी mining power को बढ़ाने के लिए अपने Resources को साथ में जोड़ते हैं. माइनिंग से generate profit को pool में सभी members में एक समान रूप से Divide कर दिया जाता है. 

ऐसे में CC MINER एक बहुत ही बेस्ट opportunity है जिससे आप घर बैठे लाखो रूपये कमा सकते है

माइनिंग इतनी महंगी क्यों है?

जब 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत हुयी तो उस समय इसकी वैल्यू 6 पैसे की थी जिसके वजह से माइनर्स कम समय में ही बहुत ज्यादा बिटकॉइन माइन कर लीये चूंकि एक बिटकॉइन को माइन करने के लिए जरूरी संसाधन भी कम थे जैसे जैसे टाइम बढ़ा बिटकॉइन माइनिंग के लिए मिलने वाला रिवॉर्ड भी कम होता गया.

जिससे बिटकॉइन का रेट अब काफी ज्यादा बढ़ गया है. नवम्बर 2021 तक, बिटकॉइन रिवॉर्ड का मूल्य लगभग 47,87000 डॉलर (लगभग 3.8 करोड़ रुपये) था.

लेकिन बिटकॉइन माइनिंग की खर्चों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ऐसा इसलिए , क्योंकि टोकन के लिए कॉम्पिटिशन बहुत अधिक बढ़ गया है, कॉम्पिटिशन बदने से, टोकन को सफलतापूर्वक माइन करने के लिए अब हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग की जरूरत पड़ने लगी है.

इसके वजह से, इस प्रोसेस में खपत की गई ऊर्जा की लागत माइनिंग की लोकेशन और उनके उपयोग किए जाने वाले हार्डवेयर के प्रकार के

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